लक्ष्मण पहाड़ी - --लक्ष्मण जी ने बारह वर्ष नींद, नारी व अन्न त्याग कर किया था तपस्या चित्रकूट की लक्ष्मण पहाड़ी में लक्ष्मण जी ने बारह साल नींद, नारी और अन्न त्याग कर तपस्या की थी। प्रभु श्रीराम की तपोभूमि में लक्ष्मण पहाड़ी त्याग और तपस्या की कहानी अभी तक बयां करता है। यहां पर करीब दो सौ सीढ़ी चढ़ कर पहुंचा जाता है। कामदगिरि परिक्रमा में स्थिति यह स्थान लोगों को पूरे चित्रकूट के सौदर्य का दर्शन कराता है। जो लोग इस पहाड़ी पर पहुंचते है, चित्रकूट के तमाम स्थलों के दर्शन यहां से हो जाते है। लक्ष्मण पहाड़ी के ऊपर करीब सात सौ साल पुराना प्राचीन मंदिर है जिसमें लक्ष्मण जी वीर आसन में धनुष लेकर बैठे है। इसके अलावा शेषनाग और राधा कृष्ण वंशीवाले की मूर्तियां स्थापित है। वनवास काल में इसी पहाड़ी में बैठकर लक्ष्मण जी भगवान राम व सीता की रखवाली करते थे। जिसमें लक्ष्मण जी बैठके थे वह एक चबूतरा आज भी बना है। सूखे में भी लबालब रहता है कूप लक्ष्मण पहाड़ी के ऊपर एक कूप है जिसमें बारहो माह पानी रहता है। भले ही बुंदेलखंड में कई साल तक सूखा पड़ा और धर...
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