चित्रकूट में है नाथसम्प्रदाय की प्रथम गादी -पांच हजार वर्ष पूर्व स्वामी मंच्छिद्र नाथ महाराज की थी स्थापना वर्तमान अधिपति योगेश्वरानंद डा. मंगलनाथ महराज और स्वामी मंच्छिद्र नाथ महाराज की मूर्ति के साथ उनके शिष्य विंध्य पर्वत श्रंखला के मध्य मराठा नरेश बाजीराव पेशवा द्वितीय द्वारा अपने पुत्र अमृतराव पेशवा के नाम पर बसाया गया अमृत नगर वर्तमान कर्वी नाथ संम्प्रदाय की आध्यात्मिक स्थली रही है। नगर के मध्य स्थित बालाजी मंदिर नाथ सम्प्रदाय की प्राचीन आध्यात्मिक गौरव गाथा का बखान कर रहा है। नाथ संप्रदाय के इस पांच हजार वर्ष से प्राचीन आध्यात्मिक स्थल को स्वंय भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले स्वामी मंच्छिद्र नाथ महाराज ने विश्व की प्रथम गादी स्थापित किया था। नाथ संप्रदाय की आस्था के प्रतीक इस मंदिर में आज भी मराठी संस्कृति की स्पष्ट झलक देखने को मिलती है। स्थानीय मराठों की मंदिर के प्रति विशेष रूचि में कमी के चलते तथा आम जनमानस में मंदिर की प्राचीन तथा आध्यात्मिक महत्व के प्रति अज्ञानता से यह प्राचीन मंदिर आज भी गुमनामी के अंधेरे में है। अब वर्तमान नाथ गुरू स्वामी मंगलनाथ महाराज...
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